New hindi best story e book, एक गरिब इन्सान कि पथर तोडने कि कहानि

एक  गरिब इन्सान कि  पथर तोडने कि कहानि गरिब से अमिर कैसे बने और हम जो है। क्या  गरिब होने से इजत या रोटि नहि मिलति ।

New hindi best  story e book,   एक  गरिब इन्सान कि  पथर तोडने कि कहानि
                               
                                    ebook


      By
 आशीष शर्म 
  Copyrightby©2018 Ashish sharma
 
     1-एक पथर तोडने वाले
          गरीब इन्सान कि कहानि
                        

                 

                             दो शब्द




  • ये कहानि एक पथर तोडने वाले इन्सान कि है . जो बहोत गरीब होता है.जो अपने जीवन को बदलना चाहता है .वो जो जीवन जीता है .उसे लगता है .


मे इससे भि अच्छा जीवन जि सकता हु. वो अपने जीवन को बदलने कि कोशिश करता है.ये कहानि मे यहि बताया गया है .कि कैसे हम जो है .उसमे नहि जिते उस जीवन से खुश नहीं रेहते.वो हमेशा यहि सोचते है .

कि हम इससे भि अच्छा जीवन जि सकते है.औऱ इसके चककर मे वो न आज को देखते औऱ नाहि आज मे जिते है .वो हमेशा कल के बारे मे ही सोचते रेहते है .हर इन्सान को अपने आज मे जिना चाहिए और खुश रेहना चाहिए .

कल किसने देखा है ।कल पता नहि क्या हो किसी को नहीं पता . हर इन्सान को अपने जीवन का एक उसूल बनाना चाहिए कि वो जो भि करे जो भि सोचे औऱ जो भि सोचे वो आज के बारे मे सोचे .जीने के तो बहोत तरीके होते .अच्छा बुरा वो तो हम पर निर्भर करता है .


कि हम कौन सा तरीका अपनाते है .हर किसि के जीवन मे परेशानी परोबलम कुछ अच्छा वक्त कुछ खराब वक्त आता है .तो इसका मतलब क्या हम जिना हि छोड दे हम इस परेशानी से लडे नहि बस निराश हो कर बैठ जाये कि बस अब हम से कुछ नहीं होगा .







बल्कि हमे उस परेशानी से हार कर नहि लड कर जित कर बैठना चाहिए औऱ अपने जीवन को आगे बधना चहिए .कैसे एक गरीब लाचार पथर तोडने वाला इन्सान इस बात को समज जाता है .औऱ वो ये समझ जाता है .हमे उतना हि मिलेगा औऱ हमे इसमे हि खुश रेहना है.।


                     कुछ लेखक के बारे मे


  • एक लेखक जब कोइ बुक लिखता है .तब उसके मन मे यहि सवाल आता है.कि दर्शक उनकी बुक को पसन्द करे .वो एक -एक बात को जोड कर अपनि बात अपने सोच को आपके सामने पेश करते है .।



  • एक लेखक वाक्यों औऱ शब्दों से अपने एक्सप्रेसन हमे ब्यक्त करते है .एक अच्छा लेखक वहि होता है .जो अपने शब्दों अपने बातो अपने कला से आपके दिल मे अपनि जगह बनाते है .।



  • एक.लेखक जब कुछ लिखता है .तो उसके बारे मे सोच कर एक एक शब्दों को जोड कर सजा कर एक पावरफुल वाक्य बनाता है.लेखक जब एक बुक लिखता है .।



  • तो उसके दिमाग मे हजारो बाते चलति है. जब एक नयि सुबह हर सुबह कि तरह होति है.लेकिन हर एक सुबह मे कुछ अलग अलग होता है .उसि तरह सब लेखक कि मजिल एक हि होति है .बस रास्ते अलग होते है .सब कि टोपिक अलग होति.है.












                  1-एक पथर तोडने वाले                    गरीब इन्सान कि कहानि



New hindi best  story e book,   एक  गरिब इन्सान कि  पथर तोडने कि कहानि







  • यह कहानि एक गरीब बुढे पथर तोडने वाले इन्सान कि है .कैसे वो रोज सुबह उठता है औऱ पहाडो कि तरफ देखता है .औऱ धिरे -धिरे उस पर चढता है .।



  • औऱ फिर बडे-बडे पथरो को तोडता है .काफी मेहनत करनि पडति है .उसके बाद कहि जा कर कहि पथर टुटता है.वो दिन भर मेहनत करता है चाहे धुप हो चाहे बरसात हो चाहे ठडि हो कैसा भि मोसम हो .वो पथर तोडने जरूर आता था .।



  • वो सोचता था.अगर मे नहिं जाउगा तो मेरे घर का खर्चा कैसे चलेगा. वो ये सोचकर घर से निकलता था कि मेरे उपर औऱ मेरे सहारे मेरे घरवाले है .।



  • मुजे काम करना हि पडेगा भले उसकि तबियत भि खराब हो लेकिन वो पथर तोडने जरूर जाता था .औऱ जो दिन भर पथर तोड़ कर जो मजदूरी मिलती थी वो उससे अपने घर वालो का पेट पालता था.पथर तोडने वाला इन्सान भगवान मे बहोत विशवाश रखता था.।



  •  वो हमेशा भगवान कि पुजा करके हि .पथर तोडने जाया करता था.वो इतने परेशानी इतने तकलिफ मे रेहता लेकिन कभि भि भगवान से गुस्सा नहि करता या सिकायत नहीं करता.वो वो कितना. भि दुख मे रहे भगवान को याद करना नहिं भुलता.।



  • एक बार वो पहाड पर चढा औऱ पथर तोडना चालु किया गरमी का टाइम था वो पथर तोडता गया .औऱ गरमी धिरे-धिरे बढति हि जा रहि थि .वो पसिना से भिग गया उसके सर से पसिना टपकने लगा लेकिन वो हार धहि माना उस पथर तोडने वाले इन्सान ने उस कडि धूप का डट कर सामना किया .औऱ फिर धिरे-धिरे शाम होने लगि औऱ धूप कम होने लगी .ये सब उपर से भगवान भि देख रहे थे.।

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  •  तभि उसि वक्त पथर तोडने वाले इन्सान ने दिल से सच्चे मन से भगवान को याद किया .औऱ भगवान तो सच्चे दिल से पुकारने वाले या याद करने वाले को सदैव अपना दर्शन देते है .अपनि कृपा अपने भक्तो पर बनाते है .।



  • औऱ उनकि मदद करते है .अगर सच्चे मन से याद करो तो भगवान हर जगह हमारे दिल मे हमारे पास भि है .बस टाइम है .तो अपनी आँखों से पेहचानने का .पथर तोड़ने वाला इन्सान रोज प्रभु को सच्चे मन से याद करता था इसलिए आज भगवान उसे अपना दर्शन देने खुद आये है .।



  • वो पथर तोडने वाले इन्सान से केहते है ।बोलो तुम्है क्या चाहिए सोना चादिँ ,घर,पैसा जो भि तुम्हें चाहिए बोलो भक्त तब.वो पथर तोडने वाला इन्सान केहता है ।कि भगवान मुजे धुप बना दीजिए .तो भगवान पुछते है .कि तुम धुप क्यो बनना चाहते हो.तब पथर तोडने वाला इन्सान केहता है .इस धुप ने मुजे कितनी तकलिफ दिया है .।।







  • मे इन अमिरो को औऱ इस पथर को बताना चाहता हु जिससे मेरा रोज युद् होता था.तब भगवान पथर तोडने वाले कि ईच्छा को पुरि करने के लिये केहते है ।तथाअस्तु.बोल कर भगवान वहा से चले जाते है .फिर पथर तोडने वाला इन्सान धुप औऱ गरमी बन जाता है .।



  • औऱ फिर वो लोगों को बहोत गरमी औऱ धुप देता है .चारो तरफ इतनि गरमि होति है .कि सब सुर्य देवता को याद करने लगते है सब उसकि पुजा करने लगते है .तब पथर तोडने वाला इन्सान यस्ह सब देख कर बहोत खुश होता है .औऱ केहता है सब मुजे याद कर रहे है .मेरी पुजा कर रहे है .ये सब देख कर पथर तोडने वाला इन्सान जो अब गरमी बना है .उसे खुद के उपर घमन्ड हो जाता है ।।



  • वो चाहता है .कि सदैव सब उसकि पुजा करे वो सोचता है मे सबसे शक्ति शालि हु.कुछ टाइम तक एसा हि चलता रेहता है .फिर बरसात का मौसम आ जाता है .बादल छा जाता है .औऱ धुप पिछे चलि जाति है .


  • औऱ गरमि भि खतम हो जाति है .अब सब बरसात को औऱ इन्द्र देव कि पुजा करने लगते है .और सब धुप को भुल जाते है.फिर पथर तोडने वाला इन्सान भगवान को याद करता है ।केहत है .ए प्रभु मुजे बादल बना दीजिए .।
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  • भगवान केहते है।तथाअस्तु.फिर पथर तोडने वाला इन्सान बादल.बन जाता है .फिर वो बहोत बरसा करने लगता है .वो घमन्ड मे आ कर केहता है .कि है कोई मेरे बराबर जो मुजसे मुकाबला कर सके .।वो दुनिया मे बहोत बारिश करता है .सब बारिश से बहोत परेशान हो जाते है .।



  • लेकिन जब एक दिन वो बादल बन कर पानी बरसा रहा था तो वो देखति है कि एक पथर तोडने वाले इन्सान पर औऱ उस बडे से पथर पर बारिश का कोई असर नहीं होता .बादल औऱ तेज जोरो से बारिश करता है ।फिर भि उस इन्सान औऱ उस पथर पर कोइ असर नहिं होता वो पानि पथर से बेह कर निचे गिर जाता औऱ इन्सान के उपर गीर के निचे गीर जाता पथर तोडने वाला इन्सान सोचता है कि ये इन्सान तो मुजसे भि शक्ति शालि है .।





  • वो भगवान को फिर से याद करता है .केहता है .मुजे फिर से इन्सान बना दो मुजे समज गया कि सबसे शक्ति शालि औऱ हर मौसम हर दुख तकलीफ कर कष्ट को सेहने वाला हर परिस्थिति मे आगे बढने वाला इन्सान हि है .।



  • वो इन्सान हि है जो गरमी हो या बरसात या ठन्डी कोइ भि मौसम हो इन्सान हि.है .जो उसका डट कर सामना करता है ।फिर भगवान उस पथर तोडने वाले इन्सान कि इच्छा पुरि करते है औऱ उसे केहते है तथाअस्तु औऱ फिर भगवान वहा से चले जाते है ।औऱ वो फिर हे पथर तोडने वाला इन्सान बन जाता है .औऱ हमेसा कि तरह वो अपना काम करता है .औऱ पथर तोडता है .।



  • इस कहानि से हम क्या सिखते है .कि हमे कभि भि घमन्ड नहि करना चाहिए कि मे सबसे अच्छा हु .।

life ki problam, life ki problam ka shamadhan ,




  • हमे कभि ये नहि सोचना चाहिए कि हम सबसे कमजोर है बल्कि ये सोचना चाहिए कि हम इतने शक्ति शाली है जो हर दुख तकलीफ या कोई भि परेशानी को सम डट कर सामना कर सकते है .।



  • हम इतने शक्ति शाली औऱ सेहने औऱ समजने के योग्य है इसलिए तो भगवान भि हमे सब परेशानी तकलीफ देकर  हमारी परिक्षा लेते है .देखते है .सेह पाते है .कि नहिं.।
  • औऱ तिसरि औऱ जरूरी बात ये है कि हम जो है बिलकुल सहि है हम इससे बेटर कुछ नहिं है .औऱ हमे इसके अलावा कुछ नहीं बनना ये हि इस कहानि का भि मोरल है .।





गरिब होना कोइ पाप नहि होता ओर गरिब भि इनसान होते है और अगर इस दुनिया मे अगर कोइ सबसे शकति शालि होगा तो एक घर ब इनसान हि  हैं  .

इसे बहादुर और शकति शिलि शायद भगवान भि नहि कयोकि हर गरिब इनसान के चेहरे मे ईशवर  कि छवि नजर आति है।




 Wraiter By : Ashish sharma

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