kids story nolage
baccho ki kahaniya in hindi
kids story nolage baccho ki kahaniya. in hindi
बच्चों कि कहानिया आज में आप को एक एसि कहानि के बारे में बताने जा रहा हूँ . जो आपको और आपके बच्चों को बहोत जादा पसन्द आयेगा और इस कहानि सिख और खुबि को वो खफ़ा पने जीवन में अपनायेगे और 100% आपको इस कहानि से बहोत कुछ सिखने को मिलेगा
कहानि प्रारम्भ
baccho ki kahaniya in hindi :
- यह कहानी आलसि तिन लडको कि है . जो हमेशा बिना कुछ मेहनत किये हमेशा आराम करते थे. वो कभि कोई भि काम नहीं करते थे दिन भर बिसतर पर लेटकर आराम करते थे वो कोई एक भि काम नहीं करते हैं .
- उनका बुढा पिता सब काम करके अपने तिनो आलसि पुत्रो का पेट भरता था. बुढे पिता कि एसि हालात देखते हुये भि उनके वो तिनो पुत्र कोई भि काम नहीं करते थे. वो हमेशा आराम करने कि चालाकि में रहते हते थे.
- एक दिन उनके बुढे पिता ने अपनि तबियत खराब देखकर एक बात सोचि कि मुजे कुछ हो जाये उसके पेहले में अपने तिनो पुत्रो को उनकि जिमेदारि और उनके काम और उनके इस आलस्य को उनके जीवन से दुर करना पडेगा.
- एक दिन सुबह हुई और और रोज कि तरह बुढे पिता के तिनो पुत्र अपने कमरे में आराम कर रहे थे. और रोज कि तरह बुढा पिता काम पर जा रहा हैं . तभि अचानक उसके दिमाग में एक अच्छा सुजाव आता हैं .
- और फिर बुढा पिता अपने कमरे जाकर लेट जाता हैं . तभि बुढा पिता अपने कमरे में से अपने तिनो पुत्रो को आवाज देकर बुलाता हैं .तब तिनो पुत्र बुढे पिता के कमरे में आते हैं तब पुत्र बोलते हैं .अरे पिताजि आप यहा आज काम पर नहीं गये तभि बुढा पिता बडे ढिमि अवाज में बोलता हैं
- .आज से में काम पर धहि जाउगा और में भि तुमहारे तरह दिन भर आराम करूगा यह बात सुनते हि तिनो पुत्रो के चेहरे पर tantion आ जाता है .तभि उसमे से एक पुत्र बोलता हैं पिताजि हम सब खाना क्खाया खायेगे घर में पैसा कहा से आयेगा तब बुढा पिता जि केहते हैं .
- आज से तुम तिनो काम पे जाओगे और तुम तिनो काम करो गे तब बुढे पिता जि से पुत्र केहते हैं हम तिनो इतने आलसि हैं और हम कहा जायेगे और क्या काक्ष करेगे. तब पिताजि केहते वहा साइड में तिन bags रखे हैं .
- वो तिनो bags यहा लेकर आओ तब वो बुढे पिताजि एक -एक। bags अपने तिनो पुत्र को देते हैं और केहते हैं कि यह bags लेकर तुम बाहर जाओ और आगे बढो रसते पर और रस्ते पर जो चिज तुम्हें पेहलि मिले उसे इस bags में भर कर घर पर वापस आ जाना.
- तब तिनो पुत्र पिता जि कि बात मानकर रस्ते पे चलै जाते है. बहोय दुर चलने पर पेहले पुत्र को road पर गाय का गोबर गीरा मिला वो गैबर को अपने bag में भर कर घर वापस लोटता हैं .फिर दुसरा पुत्र भि थोडि दुर चलने पर उसे जो पेहलि चिज हैं उसको पथर मिलति हैं .
- तब वो पथर लेकर अपने घर को लोट आता है फिर ति रा पुत्र भि बहोत जादा आगे दुर जाने पर उसे जो पेहलि चिज दिखति हैं वो है road. पर एक मरा हुआ साप फिर तिसरा पुत्र उस साप को बेग में भरके वापस घर को लोट जाता है .
- फिर तिनो पुत्र घर पर पहुचते हैं और अपने। bags. को लेकर बुढे पिता कि कमरे में जाते है तब पिताजि पे ले पुत्र से पुछते हैं तुम्हें क्या मिला तुम क्या लाये तो पेहला पुत्र केहता हैं .मुजे गोबर मिला हैं .
- दुसरे पुत्र कं पुछा तो उ ने कहा मुजे पथर मिला फिर तिसरे पुत्र को पुछा तुम्हें क्या मिला तो तिसरे पुत्र ने कहा कि मुजे रस्से पर एक मरा हुआ साप मिला तिनो पुत्रो कि बात सुनकर पिताजि ने कहा तुम तिनो छत पर जकृ अपना -अपना समान छत पर रख आ जाओ तब तिनो पुत्र गोबर, पथर, और मरा हुआ साप छत पर जा कर रख देते हैं .
- और निचे आकर खाना खा के अपने कमरे में सो जाते हैं आज काम करने से और थकने से तिनो पुत्रो को बहोत अच्छी निद आ गई हैं .
- अगले दिन धुप में क बाज जा रहा था सोनो का हार लेकर उड रहा था. तभि बाज कि नजर छत पर पडे मरे साप पर पडि तभि बाज छत पर आकर हार अपनि चोच से निचे रखकर मरा साप लेकर चला जाता है. तभि शाम को बुढा पीता छत पर जाता है. और हार देखकर निचे लेकर आकर अपने पुत्रो को बताता हैं .
- और फिर वो तिनो पुत्र बहोत अच्छी तरह समज जाते हैं कि बिना मेहनय किये ना हि कुछ मिलेगा और ना हि कुछ आपकि नसिब में मिलेगा और बस तभि से बुढे पिता के तिनो पुत्र आलस् छैब कर काम करने लगते हैं और अचछे से अपने जिमेदारि को समजने लगते हैं और अपने बुढे पिता कि सेवा भि करते हैं .
- इस कह नि से हमे यह सिख मिलति हैं कि हमे अपने जिवन में कभि भि आलस नहि करना चाहिए और दुसरा यह भि कि कभि कोइ भि चिज को कम नहीं या तुझ नहीं समजना चाहिए .और अपने सारे काम खुद करने चाहिये और अपनि जिमेदारि का पालन करना चाहिए
निवेदन
उमीद करता हूँ ये post आपको पसंद आये और यह कहानि से आप कुछ अचछा सिखे अगर आपको यह कहानि अच्छी लगे तो pls sare or Seport करे
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